वर्णमाला किसे कहते हैं?
किसी भी भाषा की अभिव्यक्ति ध्वनियों के माध्यम से जानने को मिलती है। जब हम जो बोलते हैं उसे ध्वनि कहा जाता है। इसी के माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को प्रकट करते हैं और सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचाते हैं। दूसरी तरफ देखा जाए तो अगर हम विचार और भावनाएं लिखना चाहे तो इन्हें ध्वनि को लिखने के लिए हमें चिन्ह का उपयोग करना पड़ता है। ध्वनि के इन्हीं चिन्हों को वर्ण कहते हैं। भाषा के अंदर सबसे छोटी इकाई ध्वनि या वर्ण होता है। वर्णों के समूह को अक्षर के नाम से जाना जाता है। सभी वर्णो या अक्षरों को मिलाकर varnamala बनती है। वर्णों को व्यवस्थित समूह में रखने को वर्णमाला कहते हैं।
1. मूल व्यंजन – 33
2. स्वर वर्ण – 11
3. अयोगवाह वर्ण – 02
4. उत्क्षिप्त व्यंजन – 02
5. संयुक्त व्यंजन – 04

हिंदी वर्णमाला के प्रकार
हिंदी व्याकरण में हिन्दी वर्णमाला (Hindi Varnamala) को दो भागो में बाटा गया है।
1. स्वर (Swar)
2. व्यंजन (Vyanjan)
1. स्वर Vowels in hindi
ऐसे वर्ण, जिनके उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है, वह स्वर (Vowels in hindi) कहलाते हैं।
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः
Table of Contents
स्वर के प्रकार | Types of vowels in hindi
ह्रस्व स्वर –
जिस अक्षर के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है, उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं।
जैसे- अ इ उ
दीर्घ स्वर –
जिसके उच्चारण में एक मात्रा से दोगुना समय लगता है, उसे दीर्घ स्वर कहते हैं।
जैसे- आ ई ऊ ऋ ए ऐ ओ औ
प्लुत स्वर –
जिसके उच्चारण में एक मात्रा का तीन गुना समय लगता है। उसे प्लुत स्वर कहते हैं।
जैसे- हे पिता! हे मोहना!
स्वर का वर्गीकरण | Vowels classification in hindi
जिह्वा की ऊंचाई के आधार पर –
विवृत – आ
अर्द्ध विवृत – ऐ औ
अर्द्ध संवृत – ए ओ
संवृत – इ ई उ ऊ
जीभ के उभरे हुए भाग के आधार पर –
अग्रस्वर – इ ई ए ऐ
मध्य स्वर – अ
पश्चस्वर – आ उ ऊ ओ औ
ओष्ठों की स्थिति के आधार पर –
प्रसृत – इ ई ए ऐ
वर्तुल – उ ऊ ओ औ
अर्धवर्तुल – आ
जीभ की मांसपेशियों के तनाव के आधार पर –
शिथिल – अ इ उ
कठोर – आ ई ऊ
व्यंजन | Consonant in hindi
जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों की सहायता के बिना नहीं किया जा सकता उन्हें व्यंजन वर्ण कहते है। व्यंजन 33 प्रकार के होते हैं
व्यंजन के प्रकार | Types of consonants in hindi
- स्पर्श व्यंजन
- अन्तस्थ व्यंजन
- ऊष्म व्यंजन
1. स्पर्श व्यंजन
जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा फेफड़ों से बाहर निकलती है और उस समय किसी विशेष स्थान को स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहा जाता है।
जैसे –
व्यंजन – वर्ग
क ख ग घ ङ – क कण्ठ्
च छ ज झ ञ – च तालु
ट ठ ड ढ ण ट मूर्धा
त थ द ध न – त दन्त
प फ ब भ म – प ओष्ठ
2. अन्तस्थ व्यंजन
जिन वर्णों का उच्चारण वर्णमाला के मध्य में स्थित होता है, उन्हें अन्तस्थ व्यंजन कहते हैं।
जैसे –
य, र, ल, व
3. उष्म व्यंजन
जिन व्यंजनों के उच्चारण में हवा मुख में घिसटती हुई महसूस होती है, उन्हें उष्म व्यंजन कहते है।
जैसे –
श, ष, स, ह
व्यंजन का वर्गीकरण | Classification of consonants in hindi
कण्ठ्य – क, ख, ग, घ, ङ, ह
तालव्य – च, छ, ज, झ, ञ, य, श
मूर्धन्य – ट, ठ, ड, ढ, ण, ष, र
दन्त्य – त, थ, द, ध, न, ल, स
ओष्ठ्य – प, फ, ब, भ, म
दन्तोष्ठ – व
अनुनासिक – ङ, ञ, ण, न, म
Q1. हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण होते हैं?
वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 56 वर्ण होते हैं इसमें 11 स्वर , 41 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं
Q2. हिंदी में कुल कितने व्यंजन है?
हिंदी में कुल 39 व्यंजन होते हैं, जिसमें 33 व्यंजन मानक हिंदी व्यंजन होते हैं, चार संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र ) होते हैं और दो उत्क्षिप्त व्यंजन होते
Q3.क से ज्ञ तक कितने अक्षर होते हैं?
क से तक ज्ञ 36 अक्षर होते हैं।
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हिंदी भाषा को समझने के लिए हिंदी वर्णमाला (hindi varnamala in hindi) को सीखना बहुत जरूरी है। हिंदी वर्णमाला (Hindi alphabets hindi mein) के बारे में हमने यहां पूरी जानकारी दी है। तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।