विलोम शब्द | विपरीतार्थक शब्द

Vilom Shabd In Hindi

आगामी➠   विगत

आरोह➠   अवरोह

आचार➠   अनाचार

आदत्त➠   प्रदत्त

आदर➠   अनादर

उचित➠   अनुचित

आरम्भ➠   अंत

आह्वान➠   विसर्जन

आवृत➠   अनावृत

आकर्ष➠   विकर्ष

आद्र➠   शुष्क

आतुर➠   शांत

आगमन➠   गमन

आध्यात्मिक➠   भौतिक

आस्था➠   अनास्था

आच्छादित➠   अनाच्छादित

आहार➠   अनाहार

इच्छा➠  अनिच्छा

आग्रह➠   दुराग्रह

एकता➠   अनेकता

अनुज➠   अग्रज

आकर्षण➠   विकर्षण

रात➠   दिन

अमृत➠   विष

अथ➠   इति

अन्धकार➠   प्रकाश

अल्पायु➠   दीर्घायु

अनुराग➠   विराग

आदि➠   अंत

आगामी➠   विगत

अधिक➠   न्यून

आदान➠   प्रदान

उत्कर्ष➠   अपकर्ष

उत्थान➠   पतन

उर्वर➠   ऊसर

एक➠   अनेक

आलस्य➠   स्फूर्ति

अर्थ➠   अनर्थ

उधार➠   नगद

उपस्थित➠   अनुपस्थित

अतिवृष्टि➠   अनावृष्टि

उत्कृष्ट➠   निकृष्ट

उत्तम➠   अधम

आय➠   व्यय

स्वाधीन➠   पराधीन

आहार➠   निराहार

दाता➠   याचक

खेद➠   प्रसन्नता

गुप्त➠   प्रकट

प्रत्यक्ष➠   परोक्ष

घृणा➠   प्रेम

सजीव➠   निर्जीव

सुगंध➠   दुर्गन्ध

मौखिक➠   लिखित

संक्षेप➠   विस्तार

घात➠   प्रतिघात

निंदा➠   स्तुति

मितव्यय➠   अपव्यय

सरस➠   नीरस

सौभाग्य➠   दुर्भाग्य

मोक्ष➠   बंधन

कृतज्ञ➠   कृतघ्न

क्रय➠   विक्रय

दुर्लभ➠   सुलभ

निरक्षर➠   साक्षर

नूतन➠   पुरातन

बंधन➠   मुक्ति

ठोस➠   तरल

यश➠   अपयश

सगुण➠   निर्गुण

मूक➠   वाचाल

रुग्ण➠   स्वस्थ

विधवा➠   सधवा

शयन➠   जागरण

शीत➠   उष्ण

सक्रिय➠   निष्क्रय

सफल➠   असफल

सज्जन➠   दुर्जन

शुभ➠   अशुभ

संतोष➠   असंतोष

आशा➠   निराशा

आधुनिक➠   प्राचीन

आशीर्वाद➠   अभिशाप

आसक्त➠   अनाशक्त

रक्षक➠   भक्षक

वरदान➠   अभिशाप

अपेक्षा  ➠   उपेक्षा

अग्रज  ➠   अनुज

अधम ➠   उत्तम

अरुचि ➠   रुचि

अमावस्या ➠   पूर्णिमा

अस्त  ➠   उदय

अनुलोम ➠   प्रतिलोम

अनुरक्ति  ➠   विरक्ति

अपमान ➠   सम्मान

अति  ➠   अल्प

अल्पसंख्यक➠   बहुसंख्यक

आयात  ➠   निर्यात

आकाश  ➠   पाताल

अनुराग ➠   -विराग

अनुकूल ➠   प्रतिकूल

आर्द्र  ➠   शुष्क

आस्तिक ➠   नास्तिक

आसक्त ➠   अनासक्त

उपसर्ग  ➠   प्रत्यय

उपयोग ➠   दुरुपयोग

उपयुक्त ➠   अनुपयुक्त

उच्च  ➠   निम्न

उत्तीर्ण ➠   अनुत्तीर्ण

उत्तरायण➠   दक्षिणायन

एकतंत्र ➠   बहुतंत्र

ऐतिहासिक ➠   अनैतिहासिक

उपकार ➠   अपकार

उत्कर्ष ➠   अपकर्ष

उत्साह ➠   -निरुत्साह

उद्यमी ➠   -निरुद्यम

उत्थान ➠   पतन

ऐश्वर्य  ➠   अनैश्वर्य

कीर्ति  ➠   अपकीर्ति

कुरूप ➠   सुरूप

करुण  ➠   निष्ठुर

क्रय  ➠   विक्रय

कायर  ➠   निडर

क्रूर  ➠   अक्रूर

कठोर, कर्कश➠    कोमल

कृष्ण ➠   श्वेत, शुक्ल

कृतज्ञ ➠   कृतघ्न

कनिष्ठ➠    ज्येष्ठ

कपटी ➠   निष्कपट

कुटिल➠    सरल

क्रोध  ➠   क्षमा

कर्मण्य ➠   अकर्मण्य

कोप  ➠   कृपा

कर्मठ  ➠   अकर्मण्य

गणतंत्र ➠   राजतंत्र

गुरु  –लघु

गीला  ➠    सूखा

गृहस्थ –संन्यासी

गुण  ➠    दोष

घात ➠   प्रतिघात

घरेलू ➠   -बाहरी

छाँह ➠   धूप

चोर ➠   साधु

छूत ➠   अछूत

जन्म ➠   मृत्यु, मरण

ज्येष्ठ ➠   कनिष्ठ

जागरण ➠   निद्रा

जल ➠   स्थल

जीवित ➠   मृत

जातीय ➠   विजातीय

जय  ➠   पराजय

जङ  ➠   चेतन

ज्योति ➠   तम

जीवन ➠   मरण

ज्वार  ➠   भाटा

ताप  ➠   शीत

तम  ➠   आलोक, ज्योति

तीव्र  ➠   मंद

तुच्छ –महान

देव  ➠   दानव

दृष्ट, दुर्जन➠    सज्जन

देय  ➠   अदेय

धनी  ➠   -निर्धन

तिमिर➠    प्रकाश

तामसिक➠    सात्त्विक

तरल  ➠   ठोस

दूषित  ➠    स्वच्छ

दुर्बल, निर्बल➠   – सबल

दक्षिण  ➠   उत्तर

ध्वंस  ➠   निर्माण

नूतन  ➠   पुरातन

नश्वर  ➠   शाश्वत

नागरिक ➠   ग्रामीण

निर्मल  ➠   मलिन

निर्लज्ज ➠   सलज्ज

निर्दोष  ➠   सदोष

निर्माण ➠   -विनाश, ध्वंस

नैसर्गिक ➠   -कृत्रिम,

निष्काम –सकाम

निरक्षर  ➠   साक्षर

पंडित  ➠    मूर्ख

पक्ष  ➠   विपक्ष

प्रमुख  ➠   –सामान्य, गौण

प्रलय  ➠    सृष्टि

प्रारंभिक ➠   -अंतिम

प्रशंसा  ➠   निंदा

पाप  ➠   पुण्य

परार्थ  ➠   – स्वार्थ

पुरस्कार ➠   दंड, तिरस्कार

पूर्ववर्ती ➠   -उत्तरवर्ती

परतंत्र ➠   स्वतंत्र

परमार्थ ➠   स्वार्थ

प्रधान  ➠   गौण

प्रवृत्ति ➠   निवृत्ति

प्राचीन ➠   नवीन

प्राकृतिक ➠   -कृत्रिम

पुष्ट  ➠    क्षीण

परिश्रम ➠   विश्राम

पूर्व  ➠   पश्चिम

पूर्णता ➠   अपूर्णता

बाह्य ➠   अभ्यंतर

बाढ़  ➠    सूखा

भूत  ➠    भविष्य

भोगी ➠    योगी

बहिरंग –अंतरंग

बलवान –बलहीन

बर्बर  ➠   सभ्य

भद्र  ➠   अभद्र

मानव– दानव

मूक ➠   वाचाल, मुखर

मृदुल –कठोर

महात्मा –दुरात्मा

मिलन  ➠   विरह

मृत –जीवित

मुनाफा –नुकसान

योग –वियोग

राजतंत्र –जनतंत्र

रूपवान –कुरूप

रिक्त, अपूर्ण➠    पूर्ण

लौकिक –अलौकिक

लिप्त  ➠   निर्लिप्त

लुप्त  ➠    व्यक्त

विवाद  ➠   निर्विवाद

विशिष्ट ➠   साधारण

विजय  ➠   पराजय

विस्तृत ➠   संक्षिप्त

विशेष  ➠   सामान्य

वसंत  ➠   पतझङ

बहिष्कार ➠   स्वीकार, अंगीकार

वृद्धि  ➠   ह्रास

विमुख  ➠   सम्मुख, उन्मुख

विशालकाय➠    क्षीणकाय

वीर  ➠   कायर

व्यस्त ➠   -अकर्मण्य

व्यावहारिक➠    अव्यावहारिक

विपत्ति➠    संपत्ति

वृष्टि  ➠   अनावृष्टि

वक्र  ➠    सरल, ऋजु

वियोग, विरह– मिलन

सम ➠   विषम

सजीव➠    निर्जीव

सफल ➠   –विफल, असफल, निष्फल

सरल ➠   -कुटिल, वक्र, कठिन

सजल ➠   निर्जल

सम्मुख ➠   विमुख

सार्थक ➠   निरर्थक

सकर्म ➠   निष्कर्म

सुकर्म ➠   कुकर्म, दुष्कर्म

सुलभ ➠   दुर्लभ

सुपथ ➠   कुपथ

स्मरण ➠   विस्मरण

सगुण ➠   निर्गुण

सहयोगी➠   प्रतियोगी

स्वतंत्रता ➠   परतंत्रता

संयोग ➠   वियोग

साकार  ➠   निराकार

सुगंध  ➠    दुर्गंध

सुगम  ➠    दुर्गम

सुशील  ➠   दु:शील

स्थूल  ➠   सूक्ष्म

संपद्  ➠   विपद्

संतोष ➠   -असंतोष

संकल्प ➠   विकल्प

संन्यासी ➠   गृही, गृहस्थ

स्वधर्म ➠   विधर्म, परधर्म

समष्टि➠    व्यष्टि

संघटन ➠   विघटन

साक्षर –निरक्षर

समूल  ➠    निर्मूल

सत्कर्म ➠   -दुष्कर्म

सुमति➠    कुमति

संकीर्ण➠    विस्तीर्ण

सुसंगति ➠   कुसंगति

सुपरिणाम➠   – दुष्परिणाम

सौभाग्य ➠   दुर्भाग्य

सखा  ➠   शत्रु

स्वामी ➠   -सेवक

संधि ➠    विग्रह

स्थिर  ➠   – चंचल, अस्थिर

स्वार्थ ➠   निः स्वार्थ, परमार्थ

सत्कार➠   – तिरस्कार

सापेक्ष ➠   -निरपेक्ष

सक्षम ➠   -अक्षम

सादर  ➠    निरादर

सलज्ज➠    निर्लज्ज

सदय ➠    निर्दय

सुलभ ➠   दुर्लभ

स्वप्न ➠   जागरण

सभ्य ➠   असभ्य, बर्बर

सुदूर ➠   -सन्निकट,

सभय ➠   निर्भय, अभय

शीत  ➠   उष्ण

क्षम्य➠    अक्षम्य

क्षुद्र   ➠   विराट्

शुक्ल  ➠   कृष्ण

श्वेत  ➠   श्याम

शयन ➠   जागरण

श्रव्य ➠   दृश्य

शत्रु ➠   मित्र

ह्रस्व ➠   दीर्घ

हर्ष ➠   -विषाद, शोक

हिंसा ➠   अहिंसा

शुष्क➠   आर्द्र

हर्ष➠   शोक

क्षणिक➠   शाश्वत

विधि➠   निषेध 

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